लोहरदगा : एकल अभियान के बर्षिक उत्सव सह सभा वनवासी कल्याण केंद्र के सभागार मे हुई, जिसकी अध्यक्षता सतीश जायसवाल ने की. उन्होंने बताया कि एकल अभियान के तहत आरोग्य योजना, ग्राम विकास, जागरण शिक्षा, संस्कार केंद्र और एकल विद्यालय चलाए जा रहे हैं। एकल विद्यालय वनवासी और पिछड़े क्षेत्र की संपूर्ण विकास की योजना है। जहां आज भी सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। वैसे क्षेत्रों में एकल विद्यालय संचालित कर बच्चों को तीन घंटे की अनौपचारिक शिक्षा गांव के ही युवक और युवतियों द्वारा दी जाती है। पंचमुखी शिक्षा को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए पूरे देश के जिलों में इस योजना को मूर्तरूप देना है. एकल विद्यालय संचालन के लिए गांव के ही युवक-युवतियों में से एक आचार्य का चयन किया जाता है। गांवों के लोग ही उनका चयन करते हैं। इस अभियान से जुड़ कर पांच लाख से अधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम की साप्ताहिक और मासिक समीक्षा की जाती है। शहर में सब का ध्यान होता है। छोटे-छोटे गांव और पिछड़े इलाकाें में सरकारी कार्यक्रम नहीं पहुंच पाते हैं, सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों में जागरूकता लाना है। कार्यक्रम संस्कार केंद्र के माध्यम से ग्रामीण समस्याओं का निराकरण किया जाता है। ग्रामीणों की सहभागिता से छोट-छोटे विवाद का गांवों में ही निपटारा, समरस, व्यसन मुक्त और स्वच्छ गांव होगा, तभी देश में राम राज्य स्थापित होगा। अंचल के 300 आचार्यों को उनके कार्य कार्य की सराहना करते हुए उपहार भेंट किया गया. इस मौके पर अंचल अध्यक्ष सतीश जायसवाल, आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अंचल सचिव मनोज मिश्रा, अंचल के कोषाध्यक्ष सत्येंद्र मिश्रा एवं भाग के अध्यक्ष श्री नवल अग्रवाल, भाग के सचिव निलेश गुप्ता अंचल के सभी कार्यकर्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.
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